पहली बार उद्यमी योजना” (Scheme for First-Time Entrepreneurs)

Scheme for First-Time Entrepreneurs यह योजना भारत सरकार ने केंद्रीय बजट 2025–26 में शुरू की है, जिसका मकसद नए उद्यमियों, खासकर महिलाओं, अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) से जुड़े लोगों को वित्तीय सहायता, ट्रेनिंग और मेंटरिंग उपलब्ध कराना है।

Table of Contents

योजना क्या है?

  • लॉन्च डेट: 18 फरवरी 2025
  • उद्देश्य: देश में 5 लाख नए उद्यमियों को प्रोत्साहन देना।
  • लक्ष्य: अगले 5 सालों में 25 लाख रोजगार के अवसर पैदा करना।
  • कवरेज: विनिर्माण (मैन्युफैक्चरिंग), सेवा क्षेत्र और कृषि से जुड़े व्यवसाय।

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कौन कर सकता है आवेदन?

  • केवल पहली बार व्यवसाय शुरू करने वाले व्यक्ति
  • लाभार्थी: महिलाएं, SC और ST वर्ग के लोग।
  • ग्रीनफील्ड उद्यम (नया बिजनेस) के लिए लागू।
  • लोन की राशि: ₹10 लाख से ₹2 करोड़ तक।

योजना के मुख्य फायदे

वित्तीय सहायता (Financial Support)

नए व्यवसाय की शुरुआत के लिए ₹10 लाख से ₹2 करोड़ तक का टर्म लोन।

क्रेडिट गारंटी (NCGTC) के जरिए बैंकों का जोखिम कम, जिससे लोन आसानी से मंजूर होगा।

सरकार इस योजना के तहत वित्तीय सहायता (Financial Support) मुख्य रूप से बैंक लोन और क्रेडिट गारंटी के माध्यम से प्रदान करती है। इसका प्रोसेस इस तरह काम करता है:

वित्तीय सहायता कैसे दी जाती है?

  1. टर्म लोन (Term Loan) प्रदान करना
    • पहली बार उद्यमियों को ₹10 लाख से ₹2 करोड़ तक का बिना जमानत/कम जमानत वाला लोन मिलता है।
    • यह लोन राष्ट्रीयकृत बैंक, प्राइवेट बैंक, NBFCs और सहकारी बैंक के जरिए दिया जाता है।
  2. क्रेडिट गारंटी (Credit Guarantee)
    • सरकार, नेशनल क्रेडिट गारंटी ट्रस्टी कंपनी (NCGTC) के माध्यम से बैंक को गारंटी देती है।
    • इसका मतलब, यदि उद्यमी लोन चुकाने में असमर्थ होता है, तो नुकसान का कुछ हिस्सा सरकार वहन करती है।
    • इससे बैंक का रिस्क कम होता है और वे आसानी से लोन मंजूर करते हैं।
  3. कम ब्याज दर और आसान शर्तें
    • योजना के तहत ब्याज दरें सामान्य बिजनेस लोन की तुलना में कम रखी जाती हैं।
    • लोन चुकाने की अवधि (Repayment Tenure) भी लचीली होती है।

अन्य आर्थिक सहायता के रूप

  • सब्सिडी: कुछ राज्यों में उद्यमियों को ब्याज सब्सिडी या पूंजी सब्सिडी दी जाती है।
  • वर्किंग कैपिटल सपोर्ट: बिजनेस के लिए वर्किंग कैपिटल भी उपलब्ध हो सकता है।
  • ट्रेनिंग और बिजनेस सपोर्ट फंडिंग: ट्रेनिंग के दौरान स्टाइपेंड या प्रोत्साहन राशि दी जा सकती है।

गैर-वित्तीय सहायता (Non-Financial Support)

गैर-वित्तीय सहायता (Non-Financial Support) का मतलब है कि सरकार केवल पैसा ही नहीं देती, बल्कि उद्यमी को सफल बनाने के लिए ट्रेनिंग, मार्गदर्शन और अन्य संसाधन भी उपलब्ध कराती है।

गैर-वित्तीय सहायता के मुख्य रूप

  1. ट्रेनिंग (Training Programs)
    • सरकार उद्यमियों के लिए बिजनेस मैनेजमेंट, मार्केटिंग, डिजिटल स्किल्स, अकाउंटिंग और टेक्नोलॉजी पर ट्रेनिंग आयोजित करती है।
    • यह ट्रेनिंग MSME मंत्रालय, स्टार्टअप इंडिया, DPIIT और अन्य एजेंसियों द्वारा कराई जाती है।
  2. मेंटोरिंग (Mentorship & Hand-Holding)
    • नए उद्यमियों को अनुभवी मेंटर्स से जोड़ा जाता है, जो बिजनेस सेटअप, मार्केटिंग रणनीति और विकास की योजना में मदद करते हैं।
    • इन मेंटर्स में इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स, सफल उद्यमी और बिजनेस कंसल्टेंट्स शामिल होते हैं।
  3. इन्क्यूबेशन सेंटर (Incubation Support)
    • स्टार्टअप्स और नए बिजनेस के लिए इन्क्यूबेशन सेंटर में ऑफिस स्पेस, तकनीकी सहायता, कानूनी सलाह और नेटवर्किंग के अवसर दिए जाते हैं।
    • यह सपोर्ट खासतौर पर तकनीकी और इनोवेटिव स्टार्टअप्स के लिए होता है।
  4. बिजनेस नेटवर्किंग और मार्केट एक्सेस
    • सरकार बिजनेस एक्सपो, मीटिंग्स, इन्वेस्टर्स नेटवर्क आदि के जरिए उद्यमियों को निवेशकों और मार्केट से जोड़ती है।
    • इससे नए उद्यमियों को ग्राहकों और पार्टनर्स तक पहुंच आसान होती है।
  5. कानूनी और रेगुलेटरी मदद
    • स्टार्टअप्स को कंपनी रजिस्ट्रेशन, टैक्स, पेटेंट, ट्रेडमार्क आदि के लिए गाइडेंस और कानूनी सहायता दी जाती है।

संक्षेप में, गैर-वित्तीय सहायता उद्यमी को सिर्फ बिजनेस शुरू करने में नहीं, बल्कि उसे सफलतापूर्वक चलाने में मदद करती है।

यहाँ उन प्रमुख सरकारी एजेंसियों और संस्थानों की सूची दी गई है जो पहली बार उद्यमी योजना के अंतर्गत ट्रेनिंग और मेंटरिंग प्रोग्राम उपलब्ध कराती हैं:

1. MSME मंत्रालय (Ministry of Micro, Small & Medium Enterprises)

  • क्या सुविधा देता है?
    • उद्यमिता विकास प्रोग्राम (EDP)
    • स्किल डेवलपमेंट वर्कशॉप्स
    • बिजनेस मैनेजमेंट ट्रेनिंग
  • वेबसाइट: msme.gov.in

2. Startup India (DPIIT)

  • क्या सुविधा देता है?
    • स्टार्टअप मेंटरिंग प्रोग्राम
    • नेटवर्किंग इवेंट्स
    • इन्वेस्टर्स से कनेक्ट करने में मदद
  • वेबसाइट: startupindia.gov.in

3. राष्ट्रीय लघु उद्योग निगम (NSIC)

  • क्या सुविधा देता है?
    • टेक्निकल ट्रेनिंग
    • मार्केटिंग सपोर्ट
    • बिजनेस प्रमोशन और इन्क्यूबेशन
  • वेबसाइट: nsic.co.in

4. भारतीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (MSME-DIs)

  • क्या सुविधा देता है?
    • टेक्नोलॉजी आधारित ट्रेनिंग
    • उद्यमिता विकास प्रोग्राम (EDP)
    • विशेष ट्रेनिंग मॉड्यूल्स
  • स्थान: देशभर के प्रमुख शहरों में

5. SIDBI (Small Industries Development Bank of India)

  • क्या सुविधा देता है?
    • वित्तीय परामर्श
    • स्टार्टअप्स के लिए मेंटरिंग
    • बिजनेस स्केलिंग पर ट्रेनिंग
  • वेबसाइट: sidbi.in

6. राज्य स्तरीय उद्योग केंद्र (DICs – District Industries Centres)

  • क्या सुविधा देता है?
    • लोकल लेवल पर बिजनेस ट्रेनिंग
    • मेंटरशिप और गाइडेंस
    • लोन आवेदन में सहायता

7. राष्ट्रीय उद्यमिता और लघु व्यवसाय विकास संस्थान (NIESBUD)

  • क्या सुविधा देता है?
    • उद्यमिता प्रशिक्षण प्रोग्राम
    • मेंटरशिप और बिजनेस कोचिंग
    • विशेष रूप से युवाओं और महिलाओं के लिए कोर्स
  • वेबसाइट: niesbud.nic.in

ये सभी संस्थान नए उद्यमियों को स्किल, मार्गदर्शन और बिजनेस नेटवर्क प्रदान करते हैं, ताकि वे सफलतापूर्वक अपना व्यवसाय चला सकें।

ट्रेनिंग और मेंटरिंग प्रोग्राम्स की सूची (एजेंसी + सुविधा + आवेदन लिंक)

संस्थान/एजेंसीक्या सुविधा देता है?आवेदन/वेबसाइट लिंक
MSME मंत्रालयउद्यमिता विकास प्रोग्राम (EDP), स्किल डेवलपमेंट, बिजनेस मैनेजमेंट ट्रेनिंगmsme.gov.in
Startup India (DPIIT)स्टार्टअप मेंटरिंग, नेटवर्किंग इवेंट्स, निवेशकों से कनेक्ट, इनक्यूबेशन सपोर्टstartupindia.gov.in
राष्ट्रीय लघु उद्योग निगम (NSIC)तकनीकी ट्रेनिंग, मार्केटिंग सपोर्ट, बिजनेस प्रमोशन, इन्क्यूबेशन सेंटरnsic.co.in
MSME-DI (औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान)टेक्नोलॉजी आधारित ट्रेनिंग, EDP, विशेष ट्रेनिंग मॉड्यूल्सस्थानीय MSME-DI कार्यालय/वेबसाइट देखें
SIDBI (Small Industries Development Bank)वित्तीय परामर्श, स्टार्टअप मेंटरिंग, बिजनेस स्केलिंग सपोर्टsidbi.in
DICs (जिला उद्योग केंद्र)स्थानीय स्तर पर बिजनेस ट्रेनिंग, मेंटरशिप, लोन आवेदन में मददसंबंधित जिले के DIC कार्यालय से संपर्क
NIESBUD (राष्ट्रीय उद्यमिता संस्थान)उद्यमिता प्रशिक्षण, मेंटरशिप, बिजनेस कोचिंग, खासतौर पर युवाओं और महिलाओं के लिए विशेष कोर्सniesbud.nic.in

लोन आवेदन प्रोसेस

पहली बार उद्यमी योजना (Scheme for First-Time Entrepreneurs) के तहत लोन आवेदन करने की पूरी प्रक्रिया आसान शब्दों में

Scheme for First-Time Entrepreneurs

लोन आवेदन की स्टेप-बाय-स्टेप गाइड

अपने बिजनेस आइडिया की तैयारी करें

  • सबसे पहले एक स्पष्ट बिजनेस प्लान तैयार करें।
  • इसमें बिजनेस का उद्देश्य, अनुमानित खर्च, संभावित मुनाफा, मार्केट स्टडी और रोजगार सृजन का विवरण होना चाहिए।

जरूरी डॉक्यूमेंट्स इकट्ठा करें

लोन के लिए आपको ये दस्तावेज़ चाहिए:

  • आधार कार्ड, पैन कार्ड
  • पता प्रमाण (Address Proof)
  • जाति प्रमाण पत्र (SC/ST होने पर)
  • महिला आवेदकों के लिए पहचान प्रमाण
  • बिजनेस प्लान और प्रोजेक्ट रिपोर्ट
  • बैंक स्टेटमेंट (यदि लागू हो)

ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करें

  • Udyam पोर्टल, Startup India पोर्टल या MSME पोर्टल पर जाकर रजिस्टर करें।
  • DPIIT (Startup India) की मान्यता भी ली जा सकती है, खासकर यदि आप क्रेडिट गारंटी और अन्य लाभ लेना चाहते हैं।

बैंक/वित्तीय संस्था से संपर्क करें

  • सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त राष्ट्रीयकृत बैंक, प्राइवेट बैंक, NBFCs या सहकारी बैंक में आवेदन करें।
  • आवेदन करते समय फॉर्म भरें और सभी आवश्यक दस्तावेज जमा करें।

लोन प्रोसेसिंग और वेरिफिकेशन

  • बैंक आपके बिजनेस प्लान और डॉक्यूमेंट्स की जांच करेगा।
  • NCGTC के जरिए क्रेडिट गारंटी लागू होती है, जिससे बैंक का रिस्क कम होता है।

लोन स्वीकृति और डिस्बर्समेंट

  • बैंक से लोन स्वीकृत होने के बाद राशि आपके बिजनेस अकाउंट में ट्रांसफर की जाएगी।
  • लोन का उपयोग केवल प्रोजेक्ट रिपोर्ट में बताए गए उद्देश्यों के लिए करना होगा।

मेंटोरिंग और ट्रेनिंग का लाभ उठाएं

  • लोन मिलने के बाद भी सरकार मेंटोरशिप और ट्रेनिंग प्रोग्राम्स के जरिए मदद करती है, ताकि आपका व्यवसाय सफल हो सके।

इस पूरी प्रक्रिया में सही दस्तावेज, अच्छा बिजनेस प्लान और समय पर आवेदन बहुत महत्वपूर्ण है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)

1. यह उद्यमी योजना क्या है?

जवाब: यह योजना 2025 में शुरू की गई है, जिसका उद्देश्य नए उद्यमियों (खासकर महिलाओं, SC/ST वर्ग) को ₹10 लाख से ₹2 करोड़ तक का लोन, क्रेडिट गारंटी और ट्रेनिंग/मेंटोरशिप प्रदान करना है।

2. इस योजना के तहत कौन लोग आवेदन कर सकते हैं?

जवाब: केवल वे लोग जो पहली बार बिजनेस शुरू कर रहे हैं। खासतौर पर महिलाएं, अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) के उद्यमी पात्र हैं।

3. इस योजना में लोन की राशि कितनी मिलती है?

जवाब: योजना के तहत उद्यमियों को ₹10 लाख से ₹2 करोड़ तक का टर्म लोन दिया जाता है।

4. लोन के लिए कौन-कौन से दस्तावेज़ जरूरी हैं?

✔️ जवाब:
आधार कार्ड, पैन कार्ड
पता प्रमाण
जाति प्रमाण पत्र (SC/ST के लिए)
बिजनेस प्लान और प्रोजेक्ट रिपोर्ट
बैंक स्टेटमेंट (यदि आवश्यक हो)

5. लोन के लिए आवेदन कैसे करें?

जवाब:
Udyam, Startup India या MSME पोर्टल पर रजिस्टर करें।
बिजनेस प्लान तैयार कर बैंक/वित्तीय संस्थान में आवेदन करें।
दस्तावेज जमा करें और वेरिफिकेशन पूरा करें।
लोन स्वीकृति के बाद राशि आपके खाते में ट्रांसफर होगी।

6. क्या लोन के अलावा कोई और सहायता मिलती है?

✔️ जवाब: हाँ, सरकार ट्रेनिंग, मेंटरशिप, बिजनेस नेटवर्किंग और कानूनी सहायता भी उपलब्ध कराती है।

7. इस योजना के तहत ट्रेनिंग कौन सी एजेंसियां देती हैं?

✔️ जवाब: MSME मंत्रालय, Startup India, NSIC, SIDBI, NIESBUD और जिला उद्योग केंद्र (DICs) ट्रेनिंग और मेंटरशिप प्रदान करते हैं।

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