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Toggleयोजना का उद्देश्य

किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) योजना का उद्देश्य किसानों को उनकी कृषि जरूरतों के लिए पर्याप्त और समय पर ऋण उपलब्ध कराना है। भारत सरकार इस योजना के तहत किसानों को 2% की ब्याज सब्सिडी और समय पर ऋण चुकाने पर 3% की अतिरिक्त छूट देती है, जिससे उन्हें केवल 4% वार्षिक ब्याज दर पर ऋण मिलता है।
यह योजना 2004 में किसानों की निवेश संबंधी जरूरतों (कृषि से जुड़ी और गैर-कृषि गतिविधियां) को पूरा करने के लिए विस्तारित की गई थी। 2012 में इसे और सरल बनाने के लिए एक कार्य समूह द्वारा फिर से संशोधित किया गया, जिससे इलेक्ट्रॉनिक किसान क्रेडिट कार्ड (E-KCC) जारी करने की सुविधा दी जा सके। यह योजना बैंकों के लिए दिशानिर्देश प्रदान करती है, लेकिन बैंक इसे अपनी सुविधा और क्षेत्रीय आवश्यकताओं के अनुसार लागू कर सकते हैं।
किसान क्रेडिट कार्ड के लाभ
- फसल उत्पादन के लिए अल्पकालिक ऋण
- फसल कटाई के बाद के खर्च
- उत्पाद विपणन ऋण
- किसान परिवार की उपभोग आवश्यकताएँ
- कृषि उपकरणों और संपत्तियों के रखरखाव हेतु कार्यशील पूंजी
- कृषि और इससे जुड़ी गतिविधियों के लिए निवेश ऋण
किसान क्रेडिट कार्ड का प्रकार
- मैग्नेटिक स्ट्राइप कार्ड: जिसमें पिन (PIN) और अंतर्राष्ट्रीय मानक संगठन (ISO) द्वारा जारी पहचान संख्या होती है। यह सभी बैंकों के एटीएम और माइक्रो एटीएम पर काम करता है।
- आधार आधारित कार्ड: यदि बैंक आधार (UIDAI) से जुड़ी बायोमेट्रिक पहचान प्रणाली का उपयोग करना चाहते हैं, तो वे बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण वाला कार्ड जारी कर सकते हैं।
- ईएमवी और रुपे कार्ड: बैंक चाहें तो EMV (Europay, MasterCard, VISA) और रुपे के अनुरूप चिप कार्ड जारी कर सकते हैं।
ऋण सीमा कैसे तय होती है?
- पहले वर्ष के लिए ऋण सीमा: एक फसल उगाने वाले किसानों के लिए – (फसल के लिए तय वित्तीय पैमाना × खेती का क्षेत्रफल) + 10% अतिरिक्त (फसल कटाई/घरेलू आवश्यकताओं के लिए) + 20% अतिरिक्त (कृषि उपकरणों की मरम्मत और रखरखाव के लिए) + फसल बीमा एवं अन्य खर्च।
- दूसरे और उसके बाद के वर्षों के लिए: पहले वर्ष की सीमा + हर साल 10% की वृद्धि (दूसरे, तीसरे, चौथे और पांचवें वर्ष के लिए)।
- अगर किसान एक साल में एक से अधिक फसलें उगाता है, तो फसल पैटर्न के अनुसार सीमा तय की जाती है और हर साल 10% की वृद्धि की जाती है।
- यदि किसान अपने फसल पैटर्न में बदलाव करता है, तो ऋण सीमा दोबारा तय की जा सकती है।
- दीर्घकालिक निवेश के लिए कृषि भूमि सुधार, सिंचाई उपकरण, कृषि मशीनरी और अन्य कृषि गतिविधियों हेतु ऋण लिया जा सकता है।
पात्रता
- वे किसान जो स्वयं खेती कर रहे हैं (एकल या संयुक्त स्वामित्व वाले किसान)
- बटाईदार, पट्टे पर खेती करने वाले किसान, साझेदारी में खेती करने वाले किसान
- स्वयं सहायता समूह (SHG) और संयुक्त देयता समूह (JLG)
आवेदन प्रक्रिया
ऑनलाइन आवेदन:
- जिस बैंक से किसान क्रेडिट कार्ड लेना चाहते हैं, उसकी आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं।
- “किसान क्रेडिट कार्ड” विकल्प चुनें।
- “अप्लाई” बटन पर क्लिक करें।
- आवश्यक जानकारी भरकर “सबमिट” करें।
- आवेदन जमा करने के बाद आपको एक संदर्भ संख्या मिलेगी। यदि आप पात्र होंगे, तो बैंक 3-4 कार्य दिवसों में आपसे संपर्क करेगा।
ऑफलाइन आवेदन:
- किसान नजदीकी बैंक शाखा में जाकर आवेदन कर सकते हैं।
- बैंक की वेबसाइट से फॉर्म डाउनलोड करके भर सकते हैं।
- बैंक प्रतिनिधि से मदद लेकर आवेदन प्रक्रिया पूरी कर सकते हैं।
आवश्यक दस्तावेज़
- भरा हुआ आवेदन पत्र
- दो पासपोर्ट साइज फोटो
- पहचान प्रमाण (ड्राइविंग लाइसेंस, आधार कार्ड, वोटर आईडी, पासपोर्ट)
- पता प्रमाण (ड्राइविंग लाइसेंस, आधार कार्ड)
- भूमि स्वामित्व प्रमाण पत्र (राजस्व विभाग द्वारा प्रमाणित)
- खेती के प्रकार और क्षेत्र का विवरण
- 1.60 लाख / 3.00 लाख रुपये से अधिक के ऋण के लिए गारंटी दस्तावेज़
- बैंक द्वारा मांगे गए अन्य दस्तावेज़
निष्कर्ष:
किसान क्रेडिट कार्ड योजना किसानों को कम ब्याज दर पर आसानी से ऋण उपलब्ध कराती है, जिससे वे अपनी कृषि गतिविधियों को बिना वित्तीय परेशानी के सुचारू रूप से चला सकते हैं। यह योजना किसानों को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने में मदद करती है।
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