परिचय (PMKVY)

भारत की सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक है – बेरोजगारी और उद्योगों में प्रशिक्षित मानव संसाधन की कमी। इसी समस्या का समाधान करने के लिए 2015 में प्रधान मंत्री कौशल विकास योजना (PMKVY) शुरू की गई थी। इसका लक्ष्य है युवाओं को उद्योग-उन्मुख कौशल (Industry Relevant Skills) प्रदान करना ताकि वे नौकरी या स्वरोजगार शुरू कर सकें।
2025 तक यह योजना दस साल पूरे कर चुकी है और इस दौरान लाखों युवाओं को प्रशिक्षण मिला है। लेकिन इसके साथ ही कुछ चुनौतियाँ भी सामने आई हैं।
2025 तक की उपलब्धियाँ
- अब तक कुल 1.63 करोड़+ युवा प्रशिक्षित हुए।
- PMKVY 4.0 (2022–25) के तहत 25 लाख+ उम्मीदवारों ने प्रशिक्षण प्राप्त किया।
- Skill India Digital Hub (SIDH) के ज़रिए डिजिटल पंजीकरण, AI-आधारित मॉनिटरिंग और Academic Bank of Credits की सुविधा।
- ग्रामीण और पिछड़े जिलों में प्रशिक्षण केंद्रों की स्थापना।
- सरकार के अनुसार 6 करोड़ से अधिक लोगों को विभिन्न स्किल प्रोग्राम्स के माध्यम से प्रशिक्षित किया गया।
सफलता की वजहें
- नि:शुल्क प्रशिक्षण – गरीब और मध्यम वर्गीय युवाओं के लिए बड़ी राहत।
- डिजिटल पारदर्शिता – Aadhaar आधारित उपस्थिति, जियो-टैगिंग और रियल-टाइम ट्रैकिंग।
- विविध सेक्टर – आईटी, स्वास्थ्य, रिटेल, इलेक्ट्रॉनिक्स, ऑटोमोबाइल, निर्माण आदि में ट्रेनिंग।
- प्रमाणपत्र की मान्यता – NSDC और उद्योगों द्वारा मान्यता प्राप्त प्रमाणपत्र।
- RPL (Recognition of Prior Learning) – पहले से काम कर रहे लेकिन अप्रशिक्षित लोगों को भी प्रमाणन।
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PMKVY; चुनौतियाँ और समस्याएँ
हालाँकि योजना ने करोड़ों युवाओं को प्रशिक्षण दिया है, लेकिन इसमें कुछ प्रमुख चुनौतियाँ हैं:
1. कम प्लेसमेंट दर
- सरकार के आंकड़ों के अनुसार, सिर्फ 15% (लगभग 24.3 लाख) युवाओं को ही नौकरी मिली।
- इसका कारण है –
- प्रशिक्षण और उद्योग की वास्तविक मांग के बीच अंतर।
- कुछ सेक्टरों में अवसर सीमित होना।
- ग्रामीण और छोटे कस्बों के युवाओं को शहरों में काम करने में कठिनाई।
2. गुणवत्ता की समस्या
- कई प्रशिक्षण केंद्रों की सुविधाएं और प्रशिक्षक मानक के अनुरूप नहीं।
- कभी-कभी सिर्फ संख्या बढ़ाने के लिए प्रशिक्षण की गुणवत्ता से समझौता।
3. जागरूकता की कमी
- ग्रामीण क्षेत्रों में कई युवाओं को योजना की पूरी जानकारी ही नहीं है।
- सही मार्गदर्शन न मिलने पर आवेदन अधूरा रह जाता है।
4. रोजगार बाज़ार की चुनौतियाँ
- नौकरी की उपलब्धता हर सेक्टर में समान नहीं है।
- कई प्रशिक्षित युवाओं को असंगठित क्षेत्र में ही काम करना पड़ता है, जहाँ वेतन और सुरक्षा कम है।
PMKVY में आवेदन की प्रक्रिया
1. पंजीकरण (Registration for PMKVY)
- सबसे पहले Skill India Digital Portal पर जाएँ।
- “Register” पर क्लिक करके Learner (सीखने वाले) के रूप में रजिस्ट्रेशन करें।
- अपना मोबाइल नंबर डालें और OTP से सत्यापन करें।
- पासवर्ड सेट करें।
2. e-KYC (आधार वेरिफिकेशन)
- रजिस्ट्रेशन के बाद, आधार नंबर डालकर e-KYC करना होगा।
- आपके आधार से जुड़ा मोबाइल नंबर पर OTP आएगा।
- सहमति (Consent) देकर e-KYC पूरा करें।
3. डैशबोर्ड पर लॉगिन
- अब अपने यूज़र ID/पासवर्ड से लॉगिन करें।
- My Dashboard में जाकर योजनाएँ और ट्रेनिंग प्रोग्राम देख सकते हैं।
4. स्कीम और कोर्स चुनना
- “प्रधान मंत्री कौशल विकास योजना (PMKVY)” पर क्लिक करें।
- उपलब्ध Job Roles और Training Batches देखें।
- लोकेशन, जॉब रोल, ट्रेनिंग सेंटर आदि के आधार पर फ़िल्टर कर सकते हैं।
5. बैच में रुचि दिखाना (Show Interest)
- अपनी पसंद का बैच चुनें।
- एक बार में अधिकतम 5 बैचों में रुचि दिखा सकते हैं।
- “Show Interest” पर क्लिक करें।
6. आवेदन स्थिति (Application Status)
- डैशबोर्ड के “Applications” सेक्शन में जाकर अपनी रिक्वेस्ट की स्थिति देखें।
- Training Centre आपके आवेदन को Pending → Approved → Accepted स्टेटस में बदलता है।
7. अंतिम नामांकन (Final Enrollment)
- जब Training Centre आपका आवेदन स्वीकार कर लेता है, तो आपको बैच में नामांकित (Enroll) कर लिया जाएगा।
- फिर आप निःशुल्क प्रशिक्षण (Free Training) शुरू कर सकते हैं।
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PMKVY में आवेदन के लिए ज़रूरी दस्तावेज़
- आधार कार्ड
- पासपोर्ट साइज फोटो
- मोबाइल नंबर (आधार से लिंक होना चाहिए)
- बैंक खाता विवरण (DBT के लिए)
- ईमेल ID (यदि है तो)
भविष्य की संभावनाएँ (Future Prospects of PMKVY)
1. Skill India Digital Hub (SIDH)
- पहले स्किल ट्रेनिंग से जुड़ी प्रक्रियाएँ कागज़ी और मैनुअल होती थीं, जिससे पारदर्शिता और ट्रैकिंग में दिक्कत आती थी।
- अब सरकार ने Skill India Digital Hub (SIDH) लॉन्च किया है।
- इसकी मदद से रजिस्ट्रेशन, ट्रेनिंग, सर्टिफिकेशन और जॉब कनेक्शन जैसी पूरी प्रक्रिया डिजिटल और पारदर्शी हो गई है।
- इससे हर उम्मीदवार की प्रगति (Progress) ट्रैक की जा सकती है और धोखाधड़ी की संभावना कम हो जाती है।
2. AI और उभरती तकनीक पर फोकस
- अब केवल पारंपरिक स्किल्स (जैसे प्लंबिंग, इलेक्ट्रिशियन, टेलरिंग आदि) पर ही नहीं, बल्कि नई टेक्नोलॉजी पर भी ट्रेनिंग दी जा रही है।
- इसमें शामिल हैं:
- आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI)
- रोबोटिक्स
- साइबर सिक्योरिटी
- ड्रोन टेक्नोलॉजी
- डेटा एनालिटिक्स
- इसका फायदा यह होगा कि भारतीय युवा भविष्य की नौकरियों (Future Jobs) के लिए तैयार होंगे, जिनकी डिमांड देश और विदेश दोनों में तेजी से बढ़ रही है।
3. Academic Bank of Credits (ABC)
- सरकार अब स्किल ट्रेनिंग को औपचारिक शिक्षा (Formal Education) से जोड़ रही है।
- इसके लिए Academic Bank of Credits (ABC) की व्यवस्था बनाई गई है।
- मतलब, अगर कोई छात्र PMKVY के तहत कोई कोर्स करता है, तो उसके क्रेडिट (अंक) सेव हो जाएंगे।
- बाद में वही क्रेडिट वह किसी डिग्री, डिप्लोमा या दूसरी पढ़ाई में ट्रांसफर कर सकता है।
- इससे स्किल और शिक्षा के बीच का अंतर खत्म होगा और छात्रों के लिए लचीला करियर पाथ बनेगा।
4. स्टार्टअप और स्वरोजगार को बढ़ावा
- अब ट्रेनिंग का उद्देश्य सिर्फ नौकरी (Job) तक सीमित नहीं रहेगा।
- युवाओं को स्टार्टअप शुरू करने और स्वरोजगार (Self-employment) अपनाने के लिए भी प्रोत्साहित किया जाएगा।
- उदाहरण:
- डिजिटल मार्केटिंग सीखने वाला युवा खुद की एजेंसी शुरू कर सकता है।
- ब्यूटी एंड वेलनेस ट्रेनिंग लेने वाली महिला खुद का सैलून खोल सकती है।
- ड्रोन ट्रेनिंग लेने वाले लोग कृषि या सर्वे क्षेत्र में अपना बिजनेस चला सकते हैं।
5. ग्रामीण कनेक्ट – Aspirational Districts पर ध्यान
- अब PMKVY का फोकस सिर्फ शहरों तक सीमित नहीं रहेगा।
- खासकर Aspirational Districts और पिछड़े इलाकों (Backward Areas) में युवाओं को स्किल ट्रेनिंग दी जाएगी।
- इसका मकसद है कि गांव के युवा भी अच्छी ट्रेनिंग लेकर रोजगार और व्यवसाय के अवसर पा सकें।
- इससे ग्रामीण बेरोजगारी कम होगी और गांवों का विकास तेज होगा।
आने वाले समय में PMKVY केवल स्किल ट्रेनिंग तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि यह युवाओं को नई तकनीक, डिजिटल अवसरों, शिक्षा से जुड़ाव और स्वरोजगार की दिशा में आगे बढ़ाएगा। इससे भारत के युवाओं की ग्लोबल लेवल पर प्रतिस्पर्धा करने की क्षमता बढ़ेगी और देश की अर्थव्यवस्था भी मजबूत होगी।
प्रधान मंत्री कौशल विकास योजना ने भारत में स्किल डेवलपमेंट की क्रांति शुरू की है। 2025 तक करोड़ों युवाओं ने प्रशिक्षण पाया, लेकिन कम प्लेसमेंट दर एक बड़ी चुनौती है। आने वाले वर्षों में डिजिटलाइजेशन, AI, और स्वरोजगार पर फोकस से यह योजना और अधिक प्रभावी हो सकती है।
अगर सरकार गुणवत्ता सुधार, उद्योग की मांग के अनुसार ट्रेनिंग, और युवाओं के लिए वास्तविक अवसर सुनिश्चित कर दे, तो यह योजना भारत की बेरोजगारी समस्या को काफी हद तक कम कर सकती है।
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FAQs; about PMKVY
1. PMKVY 4.0 में कितने लोगों को प्रशिक्षण मिला?
Ans. जुलाई 2025 तक 25 लाख+ उम्मीदवार प्रशिक्षित हुए।
2. प्लेसमेंट दर कितनी है?
Ans. लगभग 15% ही युवाओं को नौकरी मिल पाई है।
3. योजना में क्या नया जोड़ा गया है?
Ans. Skill India Digital Hub, AI आधारित ट्रेनिंग, Academic Bank of Credits।
4. कौन आवेदन कर सकता है?
Ans. 18–45 वर्ष आयु के बेरोजगार या स्वरोजगार चाहने वाले युवा।
5. भविष्य में क्या सुधार अपेक्षित हैं?
Ans. डिजिटलाइजेशन, नई तकनीक आधारित ट्रेनिंग, और स्टार्टअप्स के लिए प्रोत्साहन।


